अभी तक पटवारी एवं कानूनगो समेत ट्रांसपोर्टरों का प्रदर्शन खत्म भी नहीं हुआ था कि आज हरियाणा सरकार के खिलाफ मिट्टी ठेकेदारों और कुछ किसानों ने हरियाणा अर्थमवर्स यूनियन के बैनर तले मोर्चा खोल दिया... मिट्टी ठेकेदार मिट्टी को माइनिंग से बाहर करने की मांग को लेकर आज पानीपत जिला सचिवालय में सैकड़ो की संख्या में पहुंचे जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सचिवालय के अंदर जमकर प्रदर्शन किया और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए जिला उपायुक्त से तत्काल प्रभाव से मुलाकात करने की मांग की इसके बाद तहसीलदार ने पांच ठेकेदारों को जिला उपायुक्त से मिलवाया... जिला उपायुक्त से मिलने के बाद मिट्टी ठेकेदारों,जेसीबी संचालकों,ट्रैक्टर ट्राली संचालको ने बताया की सरकार हमें खनन माफिया कहती है लेकिन अगर यह कानून लागू रहा तो हम खुद माफिया बनने को मजबूर होंगे... उन्होंने कहा इस कानून से न सिर्फ मिट्टी ठेकेदार बेरोजगार होंगे बल्कि किसान भी आत्महत्या करने को मजबूर होंगे क्योंकि किसान मजबूरी में अपनी मिट्टी बेचकर अपनी बेटी की शादी करता है और घर के कई काम निकलता है... मिट्टी ठेकेदारों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा या तो इस कानून को वापस ले लिया जाए नहीं तो वह अपने ट्रैक्टर ट्राली डम्फर जेसीबी की चाबियां प्रशासन को सौंपकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे... मिट्टी ठेकेदारों ने कहा कि मिट्टी उठाने की परमिशन लेने के बाद भी माइनिंग अधिकारी और पुलिस कर्मचारी उनके एक से लेकर 10 लाख रुपए तक के चालान कर देते हैं...